हाल ही में हुए मुज्ज़फरनगर
के जातीय संघर्ष पर प्रशासन ,पुलिस और सियासती नाकामियों और साजिशों का खेल हम
सबने अभी देखा और हमने उन ख़बरों को भी सुना कि कैसे कोई इतना असंवेदनशील हो सकता
है ,अपनी ही प्रजा के लिए ;कोई कार्यवाही न करने के ऑर्डर्स और फिर घर फुँकने के
बाद तमाशा देखने जाना ;डेढ़ लाख से भी ज्यादा लोगों को बेघर करने के बाद ;अनेकों की
आबरू और जान छीन लेने के बाद ‘लोग ‘ दिलासा दिलाते हैं कि दोषियों के खिलाफ ‘सख्त
‘ कार्यवाही की जायेगी ! काले झंडे नही तो क्या आरती की थालों से आपका स्वागत किया
जायेगा ,कुंवर-सा !! फ्री लैपटॉप की लॉलीपॉप का स्वाद कब तक चढ़ा रहेगा ज़बान पर ?
यह कितना दुखद है कि ‘ज़िम्मेदार ‘ तो इसे अलग
अलग नाम देकर छोटी सी दुर्घटना ठहरा रहे हैं पर जिन दो लड़कियों के साथ ईव-टीजिंग की घटना से यह सब शुरू हुआ ;उन्होंने अपराधबोध
महसूस करते हुए वह जगह ,वह स्कूल ही छोड़ दिया कि उनकी वजह से इतने लोगों की
जिंदगियां ख़राब हो गयीं ;दोषी कोई और और ताउम्र सज़ा भुगते कोई और !
आजकल संसद की गतिविधियाँ जिस तेज़ी से हो रही
हैं वो सबको चकित करती हैं पर आँखें भी खोल देती हैं क्यूंकि इस मानसून सत्र में
एक ख़ास बिल सिर्फ पंद्रह मिनट में पास हो गया !! अरे जब सब एक ही बिरादरी के हों
तो कैसी असहमति और वैसे भी ‘शुभ’ काम में देरी कैसी ! ‘तुम’ आदेश दे दो तो क्या
हुआ ;हम हैं जो इस पर कानूनी ठप्पा लगायेंगे और हम सबने वह कर दिया (थोडा बहुत आम
जनता के भले वाले कुछ बिल भी पास कर दिए न ;और क्या चाहिए ?) अपराधी वोट नही दे
सकता पर देश चला सकता है ....ये तो बड़ा वाला कनफ्यूज़न हो गया कि आखिर देश को घाटा किस से ज्यादा होता
तब जब चुनने वाला ही अपराधी है तो आने वाला प्रतिनिधि भी कोई शरीफ नही होगा या तब
जब हत्यारा हत्या के खिलाफ कानून बनाएगा ,रेपिस्ट एंटी रेप बिल बनाएगा ,भ्रष्ट
भ्रष्टाचार के खिलाफ संसद में बोलेगा !! सोच लीजिये कि वो क्या बोलेगा और क्या
करेगा ? वैसे इस घटना की चर्चा से याद आया कि आगामी चुनावों में आप वोट डालने
जायेंगे न ? और सोच समझकर अपने इलाके के उम्मीदवारों के बैकग्राउंड को समझकर वोट
डालियेगा प्लीज ...क्यूंकि आपका ये सोचा समझा हुआ वोट ही देश चलाएगा !
बस एक फैसला ....और सारे
देश की उम्मीदें थोड़ी देर के लिए ही सही जाग उठीं पर क्या हरेक को न्याय मिलेगा
?क्या ‘मट्टू (प्रियदर्शिनी ) ,जेसिका के हत्यारे और भी ऐसे कई रहीसजादों से लेकर
हर अपराधी पर नकेल कसी जा पायेगी ;इस ढीली न्याय व्यवस्था के साथ –फ़ास्ट ट्रैक के
अलावा स्पीडी जस्टिस डिलीवरी प्रोसीजर के लिए जो भी जतन किये जाने चाहिए और पैरोल
की प्रथा ;जुवेनाइल रिमांड होम्स की ओर
ध्यान (देश के ऐसे ऑब्जर्वेटरी होम्स में बेहद बुरे हालातों से सुधरा नही बल्कि एक
और भी खतरनाक और खूंखार अपराधी बहार निकलता है ); क्या अपने मुवक्किल के बचाव के चक्कर में व्यक्ति को ये भूल जाना
चाहिए कि वो किसी प्रोफेशन में रहने से पहले एक ज़िम्मेदार नागरिक हैं ;क्या कुछ भी
अनर्गल प्रलाप करने का अधिकार मिल जाता है तब आपको ;क्या ऐसा नही लगता कि विवेक और
बुद्धि का विसर्जन कर दिया है ऐसे लोगों ने ;क्या ऐसे ज़िम्मेदार पदों पर बैठे
गैरजिम्मेदाराना हरक़त करने वालों को फटकार नही पड़नी चाहिए ?
अंत में हम बात करेंगे उस
ड्रामे की जो वाकई में किसी की भी प्राथमिकता के क्रम में सबसे अंत में आना चाहिए
पर जब चुनाव करीब हों तो (भूल हो गयी हमसे ये बात भुलाकर ) तो वोट ऐंठना तो
प्राथमिकता के क्रम में सबसे पहले आता है !!
और तब इस देश के एक
हिस्से के ‘प्रिय ‘खेल भगवा सियासत की बारी आती है –चौरासी कोस यात्रा वाला किस्सा
–मतलब वैसे ही कितने इत्मीनान से वातानुकूलन में रहने वालों को भूखे,नंगे लोग
,असुरक्षित महसूस करती आम जनता की आवाज़ ,बढती कीमतें इन सबसे बढकर कुछ दिखाई दिया
तो ये दिखाई दिया!!
अरे ...यात्रा चाहे अपने वास्तविक समय पर हो
चुकी हो या नही पर जो भी हो किसी भी कीमत पर एक वोट के खोने से डर लगता है साहब
!(जैसे आज के एजुकेशन सिस्टम में मार्क्स पाना ही अधिकांश स्टूडेंट्स का उद्देश्य
रह गया है वैसे ही वोट के लिए कुछ भी करना इन’जनप्रतिनिधियों ‘ के लिए ! ) पर इन
सबके बीच गहरे तनाव से गुज़र रहे आम जनजीवन का क्या ?वह तो बिखर गया न ! एक दल है
जो मेजोरिटी का साथ नही खोना चाहता दूसरा माइनॉरिटी के गुस्से का शिकार नही बनना
चाहता और घुन बनकर पिसी वो पांच साल की बच्ची जिसकी तस्वीर अखबार के मुख्या पृष्ठ
पर देख कर बेहद दुःख हुआ ,वो बूढा बाप जिसने अपने बेटे-बहू को खो दिया और दो छोटे
छोटे पोतों के आंसुओं को पोंछ रहा है ....और वो लड़कियां जिनका सामूहिक बलात्कार
उनकी ही माँ के सामने हुआ .....सच मानिये इन सबके सामूहिक अपराधी ऊपर से लेकर नीचे
तक सब की सब हैं ......!!!
और क्या अब भी आप ऐसों को
वोट देंगे .....?
इस बार हम यही कहना
चाहेंगे कि आपका कीमती वोट आपकी ज़िन्दगी की दशा और दिशा बदल सकता है ....प्लीज इसे
किसी के लोभ ,लालच में आकर ज़ाया मत कीजिये वरना अगले पांच साल तक फिर रोने के
सिवाय ,गलियाँ देने के सिवाय कुछ ज्यादा आप नही कर पायेंगे ....!!
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